An Unbiased View of बबूल के फायदे और नुकसान



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बबूल के औषधीय प्रयोग का तरीका, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-

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बबूल, जामुन और फूली हुई फिटकरी को मिलाकर काढ़ा बना लें और फिर उससे कुल्ला करें। नियमित तौर पर ऐसा करने मुंह के कई प्रकार के रोग ठीक हो सकते हैं।

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आँखों का आना एक आम समस्या है इसे ठीक करने के लिए आप बबूल की पत्ती का इस्तेमाल कर सकते हैं। रात में आने वाली ऑख पर बबूल के पत्ते पीस कर लगा कर एवं किसी साफ कपडे से बॉध दें। आप सुबह देखगें तो आपकी ऑख का दर्द here खत्म हो जाएगां।

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ग्रेवी बनाने के लिए भी इसे उपयोग में लाया जा सकता है।

आपके शरीर को स्वस्थ रखने के लिए, विभिन्न प्रकार के संक्रमण से बचाने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होनी चाहिए। तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आप बबूल की गोंद का सेवन भी कर सकते हैं। यह खांसी जुकाम इत्यादि को नजदीक नहीं आने देता। 

अगर गलती से बबूल का कांटा चुभ जाए तो उसे तुरंत निकाल देना चाहिए। नहीं तो उस जगह पर पस हो सकता है।

बबुल के पत्तों को घाव भरने के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। बबुल के पत्ते और छाल में रक्तस्राव और संक्रमण को नियंत्रित करने की क्षमता होती है, जिससे घावों, कट्स और चोटों को ठीक किया जा सकता है। 

गठिया à¤•à¥‡ रोग में अक्सर शरीर के à¤œà¥‹à¤¡à¤¼à¥‹à¤‚ में दर्द à¤°à¤¹à¤¤à¤¾ है और à¤¸à¥‚जन à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ के कारण चलने-फिरने में परेशानी भी हो सकती है. ऐसे में गुलमोहर के पत्तों को पीसकर सूजन वाली जगह पर लगाने से या पत्तों का काढ़ा बनाकर उसकी स्टीम से à¤¦à¤°à¥à¤¦ à¤®à¥‡à¤‚ आराम मिल सकता है और इस समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है.

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